पैसों को लेकर एक प्रश्न जो हमेशा रहता हैं पैसों को कैसे मैनेज करें? अगर आपको Money Management टिप्स के बारे में पता हैं तो आप अपने पैसों का सही प्रबंधन कर पाएंगे। पैसे कमाने ही नहीं बल्कि पैसों को मैनेज करना भी बहुत जरूरी होता है।

चाहे आप महीने के ₹10,000 कमाए या ₹50,000 कमाएं लेकिन फिर भी अधिकतर लोगों को पैसों को मैनेज करने में दिक्कत आती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता हैं तो आप अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं। कई लोग अपनी कमाई को सही तरीके से इस्तेमाल करने में असफल रहते हैं। फलस्वरूप उन्हें हमेशा पैंसों की तंगी बनी रहती हैं।
इसका मुख्य कारण हैं की लोग ये जानते ही नहीं हैं की वे अपने पैसों को सही तरीके से कैसे मैनेज करें।
पैसों को कैसे मैनेज करें (How to Manage money in Hindi)
Contents
1 पैसों को कैसे मैनेज करें (How to Manage money in Hindi)
- पैसे को मैनेज करना क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- पैसे मैनेज करने का 50:30:20 का थंब रूल (50,30,20 Rule of Money)
- 50% On Needs
- 30% On Wants & Needs
- 20% On Investment
- इन्वेस्टमेंट कहां करें ?
- क्या 50,30,20 के रेश्यो में बदलाव कर सकते हैं?
- सैलरी बढ़ने पर क्या करें?
- निष्कर्ष
इस पोस्ट के माध्यम से आज हम बात करेंगे कि पैसों को मैनेज करना क्यों महत्वपूर्ण हैं, पैसे को मैनेज कैसे करें और पैसे मैनेज करने का thumb rule क्या हैं।
पैसे को मैनेज करना क्यों महत्वपूर्ण हैं?
पैसों को मैनेज करना कितना महत्वपूर्ण हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि हम में से 95% लोग हमेशा पैसों की कमी से जूझते रहते हैं। पैसों की कमी होने के कारण हम सोचते हैं कि हमारी आमदनी या सैलरी कम हैं जिससे कि हमें ऐसी समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं।
लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हैं। पैसा कमाना इतना महत्वपूर्ण नहीं हैं जितना उसे बचाना और निवेश करना होता हैं।
अगर आप पैसों को सही तरीके से मैनेज करेंगे तो आपको निम्न फायदे होंगे –
- निवेश के द्वारा आप अपने Future के लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे। जैसे की बच्चों की पढ़ाई लिखाई, शादी और रिटायरमेंट प्लानिंग।
- पैसे को सही मैनेज करने की वजह से आप कभी भी पैसे की समस्या में नहीं पड़ेंगे।
- पैसे के सही प्रबंधन के द्वारा आप अपने बड़े खर्चों को एक सिस्टमैटिक तरीके से प्लान कर सकते हैं।
- सबसे महत्वपूर्ण आप अपने शौकों को पूरा करने के साथ-साथ अपनी अच्छी वेल्थ का निर्माण भी कर सकते हैं।
पैसे मैनेज करने का 50:30:20 का थंब रूल (50,30,20 Rule of Money)
अधिकतर फाइनेंशियल एडवाइजर पैसे मैनेज करने के लिए 50:30:20 के अनुपात की बात करते हैं। यह नियम पैसों को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता हैं। यह नियम आपको वित्तीय रूप से सक्षम बनाने में बहुत मदद करता हैं।
यह रूल आपको आपकी मासिक आय को 50:30:20 के अनुपात में बांटकर इस्तेमाल करने की सलाह देता हैं। अगर आपकी आय ₹100 हैं तो ये इसे ₹50, ₹30 और ₹20 में बांटकर इस्तेमाल करने की बात करता हैं।
50% On Needs
आप अपनी कुल मासिक आय का 50% अपनी बुनियादी जरूरतों (Basic needs) पर खर्च कर सकते हैं। अगर आप की मासिक आय ₹20,000 हैं तो आप ₹10,000 अपनी बेसिक जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च कर सकते हैं।
किराया/EMI, खाना, ट्रांसपोर्टेशन, कपड़े, बिजली-पानी, राशन, गैस, फोन आदि का बिल बुनियादी जरूरतों में शामिल होते हैं। इस प्रकार बुनियादी जरूरतों में वे सभी खर्चे शामिल होते हैं जिनको आपको पूरा करना होता ही हैं।
इसलिए जहां तक हो सके आपकी सैलरी चाहे कितनी भी हो अपने बेसिक खर्च को 50% तक सीमित रखने का प्रयत्न करें।
30% On Wants & Needs
इस 30% में आप अपनी चाहतों और इच्छाओं को शामिल कर सकते हैं। ऐसे खर्चे में वे खर्चे शामिल होते हैं जो आपकी बेसिक जरूरतों में शामिल नहीं होते परंतु फिर भी आप उन्हें अपने शौक के लिए खरीदना चाहते हैं। जैसे की कार, वेकेशंस, महंगे कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स आदि।
ये खर्चे काफी महंगे हो सकते हैं इसलिए आपको इनको पहले से प्लान करना होता हैं। ₹20,000 की मासिक आय वाले व्यक्ति के लिए ₹6,000 उसकी Wants के खर्चों में प्रयोग किए जा सकते हैं।
इस प्रकार के खर्चों में अपनी लिमिट से अधिक खर्च करने से अन्य खर्चों का बजट ख़राब हो सकता हैं साथ ही आपको पैसों की तंगी का सामना भी करना पड़ सकता हैं। इसलिए ऐसे खर्चों को हमेशा बजट के अनुसार ही करें।
20% On Investment
एक अच्छी फाइनेंसियल प्लानिंग के लिए सेविंग सबसे महत्वपूर्ण होती हैं। रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता होती हैं। जिससे की बाद में आपको लोन के बोझ तले नहीं दबाना पड़े।
इसलिए आपको अपनी मासिक आय का न्यूनतम 20% तो आपको सेव करना ही चाहिए। सेविंग का मतलब यह नहीं हैं की आप उसे सेव करके बैंक में रख दें। आपको उसे सुनियोजित तरीके से निवेश करना होता हैं।
अगर आपकी मासिक आय ₹20,000 हैं तो आपको कम से कम 20% यानि कि न्यूनतम ₹4,000 तो इन्वेस्ट करने ही चाहिए।

ये हिस्सा सबसे महत्वपूर्ण हैं जो तय करता हैं की आपका भविष्य कैसा होगा। क्या आप भविष्य में पैसों की तंगी से जूझते रहेंगे या निवेश के द्वारा एक बढ़िया वेल्थ का निर्माण कर सकेंगे।
इन्वेस्टमेंट कहां करें ?
अब एक महत्वपूर्ण सवाल जो खड़ा होता हैं कि हमें निवेश कहां करना चाहिए? किसी भी निवेश विकल्प को चुनने से पहले आपको अपने लक्ष्यों और रिस्क लेने की क्षमता की सही जानकरी होनी चाहिए।
आप अपनी आय का न्यूनतम 20% निम्न इन्वेस्टिंग विकल्पों में लगा सकते हैं –
- स्टॉक्स
- म्यूच्यूअल फंड
- PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड)
- फिक्स्ड डिपाजिट
- गोल्ड
- रियल स्टेट
अपने लक्ष्यों के अनुसार सिस्टमैटिक थोड़ा-थोड़ा करके निवेश कर सकते हैं।
क्या 50,30,20 के रेश्यो में बदलाव कर सकते हैं?
हर आदमी की जरूरतें अलग-अलग होती हैं उसी हिसाब से वे 50,30,20 के अनुपात में बदलाव कर सकते हैं। अगर आपके खर्चे कम हैं तो आपको निश्चित तौर पर इन्वेस्टमेंट के हिस्से को बढ़ाना चाहिए।
वैसे अगर आप अभी सिंगल हैं तो आपके खर्चे थोड़े कम होंगे जिससे पहले दो अनुपात में कटौती संभव हैं जिससे आप अपने निवेश को शुरुआती रफ्तार दे सकते हैं।
अगर आपको किसी समय लगे कि कुछ समय से आपके WANTS & NEEDS के खर्चों में गिरावट हैं तो आप बचे हुए पैसों से इमरजेंसी फंड का निर्माण कर सकते हैं या उन्हें कहीं निवेश कर सकते हैं।
लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि आपको मासिक आय का न्यूनतम 20% तो इन्वेस्ट करना ही हैं। नियमित और अनुशासित रूप से किया गया निवेश आपको सैलरी से भी अमीर बनाने के लिए पर्याप्त हैं।
इस प्रकार 50:30:20 का अनुपात कोई फिक्स अनुपात नहीं हैं जिसमें आप कोई बदलाव नहीं कर सकते। इसमें आप अपनी आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर सकते हैं। 50:30:20 पैसों को मैनेज करने के लिए मानक के रूप में प्रयोग किया जाता हैं।
सैलरी बढ़ने पर क्या करें?
समय और अनुभव के अनुसार आपकी आय में भी इजाफा होता हैं। आय में वृद्धि के साथ 50,30,20 के मनी मैनेजमेंट के रूल में बदलाव करना भी आवश्यक हो जाता हैं। पिछले कुछ उदाहरणों में हमने ₹20,000 मासिक आय का उदाहरण लिया था।
अब मान लेते हैं की आपकी मासिक आय बढ़कर ₹50,000 हो गई हैं। अगर उम्र के साथ आपकी आय में वृद्धि होती हैं तो आपको प्रथम प्राथमिकता निवेश को देनी चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको 40% बेसिक आवश्यकताओं पर, 20% Wants के लिए और 40% निवेश में बांटना चाहिए।
अधिक निवेश करने से आपके पैसे पर अधिक कम्पाउंडिंग होगी जिससे आपके पास एक बहुत बड़ा कार्पस इकट्ठा हो जाएगा। इससे धीरे-धीरे आप एक ऐसी स्थिति में पहुंच जाओगे जहां से आप पैसों से पैसा बनाने लगोगे। साथ ही आप अपने सभी शौक और जरूरतों को बिना किसी पैसे की समस्या के पूरा कर सकेंगे।
निष्कर्ष
दोस्तों, पैसा कमाना एक आम बात हैं लेकिन पैसे को निवेश करना एक विशेष बात हैं। अगर आप पैसा कमा कर उसे कहीं निवेश नहीं करेंगे तो आप 20 वर्ष बाद भी अपने को वही के वही पाएंगे। निवेश ही एक ऐसा माध्यम हैं जिसके द्वारा एक सैलरी पर काम करने वाला व्यक्ति भी अमीर बन सकता हैं।
अधिकतर लोग बस पैसा कमाने के पीछे भागते हैं और उसे निवेश करना कभी सीख नहीं पाते। विश्व के महानतम निवेशक मिस्टर वॉरेन बफे ने मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही निवेश प्रारंभ कर दिया था जिसकी वजह से वह आज दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं।
इसीलिए चाहें आप थोड़े निवेश की शुरुआत करें परंतु निवेश की शुरुआत जरूर करें। जिससे की आप भविष्य में एक अच्छी सम्पति का निर्माण कर सकें।
दोस्तों, अगर आपको पैसे मैनेज करने का (Money Management in Hindi) ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने साथियों के साथ सोशल मीडिया नेटवर्क पर जरूर शेयर करें।
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